जम्मू-कश्मीर (Kashmir) के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को वही चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी जो अभी शहरों में उपलब्ध हैं। सरकार इन दूर-दराज के क्षेत्रों में 30 नए ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कर रही है और इन प्राथमिक स्वास्थ्य अस्पतालों को उच्च स्तरीय चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध करा रही है।
जम्मू और कश्मीर (Kashmir) सरकार विश्व बैंक की मदद से कश्मीर घाटी में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने में सक्षम है। पहले, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आपातकालीन मामलों के लिए शहर आना पड़ता था। कोविड महामारी के कारण तृतीयक अस्पतालों में आमद कई गुना बढ़ गई थी।
और विश्व बैंक से 360 करोड़ के अनुदान से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को काफी लाभ होगा। उन्हें इलाज के लिए शहरों में नहीं आना पड़ेगा।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (Kashmir) में 30 नए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। 15 का निर्माण जम्मू में जबकि शेष का निर्माण कश्मीर जोन में किया जाएगा।
42 विभिन्न प्रकार के नवीनतम क्रिटिकल केयर चिकित्सा उपकरण खरीदे गए हैं और इन सुविधाओं को प्रदान किए गए हैं। मध्य कश्मीर (Kashmir) के बडगाम जिले में, ईआरए चरार-ए-शरीफ में 500 एलपीएमएस ऑक्सीजन संयंत्र का निर्माण कर रहा है। यह क्षेत्र में रहने वाले लगभग 1.5 लाख लोगों को पूरा करेगा।
इन ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे डॉक्टरों ने इस कदम की सराहना की है और कहा है कि इससे उन्हें इन प्राथमिक देखभाल केंद्रों, जिला अस्पतालों आदि में मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी। इससे पहले उच्च ऑक्सीजन की आपूर्ति की आवश्यकता वाले किसी भी मरीज को श्रीनगर या जम्मू के तृतीयक अस्पताल में भेजा जाएगा।
जम्मू-कश्मीर (Kashmir) के दूर-दराज के इलाकों में इन चिकित्सा देखभाल सुविधाओं में विभिन्न महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों की स्थापना से लोगों को लाभ होगा और तृतीयक अस्पतालों का भार भी कम होगा।
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